Thursday, December 24, 2020

जम्मू-कश्मीर में डी डी सी के सफल चुनावों के बाद पाकिस्तानी सत्तातंत्र में हडकंप

 

 शेष नारायण सिंह

 जम्मू-कश्मीर में सफलता पूर्वक चुनाव आयोजित करके भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि वहां पाकिस्तान की भूमिका केवल आतंकवाद फैलाने की  ही है. जिस  बड़े पैमाने पर कश्मीरी अवाम ने जिला विकास परिषद ( डी डी सी ) के चुनावों में हिस्सा लिया उससे पाकिस्तानी शासकों की वह बात एक बार फिर पंक्चर हो गयी जिसमें  कहा  जाता था कि कश्मीर के लोग भारत के साथ नहीं हैं . जम्मू-कश्मीर के चुनावों में लोगों ने मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया वह इस बात की  सनद है कि जम्मू-कशमीर में पाकिस्तान की लाइन को मानने वाले कुछ आतंकी  संगठन हैं और पाकिस्तान से पैसा लेकर वहां सियासत करने वाले कुछ लोग  हैं.बाकी  कश्मीरी अवाम पूरी तरह से भारत के साथ है .नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति में नई पहल की सफलता के बाद पाकिस्तानी सत्तातंत्र  खिसिया गया है और उसी की प्रतिक्रिया में भारत की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका को लेकर दहशत फैलाई जा रही है . हालांकि भारत की ओर से इस तरह का कोई संकेत नहीं दिया गया है लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख लगातार भारत की संभावित सर्जिकल स्ट्राइक की ख़बरें अखबारों में छपवा रहे हैं . 24 अगस्त को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की और से जारी एक बयान में बताया गया कि अगर भारत से किसी तरह का हमला हुआ तो उसको जवाब दिया जाएगा .

 

 सवाल यह उठता है कि जब भारत की सेना किसी हमले की योजना ही नहीं बना रही है तो इस तरह से युद्ध का माहौल बनाकर अपने खिलाफ उठ रहे पाकिस्तानी अवाम के जनांदोलन को दबाने की यह कोई कोशिश तो नहीं है .पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ( पी पी पी ) और नवाज़ शरीफ की खानदानी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज़ ) एक  दूसरे के राजनीतिक विरोधी हैं लेकिन इमरान खान जिस तरह से फौज के हुक्म के गुलाम बन गए हैं उससे पाकिस्तानी अवाम में बहुत नाराजगी है . उसी नाराज़गी को भुनाने की गरज से बेनजीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ की खानदानी पार्टियां एक मंच पर हैं . उनके साथ ही पाकिस्तानी मुल्लातंत्र की कुछ पार्टियां भी शामिल हैं. विपक्ष की पार्टियों ने इकट्ठा होकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ( पी डी एम ) नाम का एक  फ्रंट बना लिया है जिसमे देश की दोनों बड़ी विपक्षी पार्टियों की मुख्य भूमिका है लेकिन उसका अध्यक्ष जमियत उलेमा ए  इस्लाम ( एफ ) के मुखिया मौलाना फ़ज़लुर्रहमान को बनाया  गया  है . पी डी एम का उद्देश्य इमरान खान की भ्रष्ट सरकार को  उखाड़ फेंकना  है . उसके बाद सभी पार्टियां चुनाव लड़ेंगी .कराची की विशाल सभा में पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज़ ) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने ऐलान किया कि जब भी चुनाव  होगा तो पी डी एम में शामिल पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ मैदान में होंगी. अभी फिलहाल  पी डी एम  ने पाकिस्तानी शहरों सभाएं करके साफ बता दिया  है कि इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के हटने तक उनका आन्दोलन मुसलसल जारी रहेगा .पाकिस्तानी   सत्ताधीश  विपक्ष के आन्दोलन से इतना डर गए हैं कि खबरें आ रही हैं कि पी डी एम की सबसे  प्रभावशाली नेता और  पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ पर जानलेवा हमला भी किया  जा सकता है . कठपुतली प्रधानमंत्री इमरान खान बुरी तरह से डरे हुए  हैं. कोरोना से मुकाबले के मैदान में भी  पाकिस्तान पूरी तरह से नाकाम है . देश की आर्थिक  स्थिति बहुत ही खराब है . इन सब कारणों से पाकिस्तानी जनता में बहुत ही गुस्सा है .

 

अपनी इस दुर्दशा से जनता का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तानी सरकार भारत के संभावित हमले की बोगी चला रही है .देश के नामी अंग्रेज़ी अखबार डॉन में छपी खबर के अनुसार इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री की घर पर सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आई एस आई के  डाइरेक्टर जनरल ले. जनरल फैज़ हमीद की  एक बैठक में भारत से संभावित हमले को मुद्दा बनाने  का फैसला किया गया .इसके पहले दुबई की यात्रा पर गए पाकिस्तानी विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने दावा किया था कि भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला कर लिया   है और कभी भी पाकिस्तान को निशाना बनाया जा सकता है .यही नहीं  इस हफ्ते की  शुरुआत में जनरल बाजवा ने नियंत्रण रेखा के पाकिस्तानी साइड में तैनात सैनिकों से बात कर ते हुए भी भारत से संभावित हमले की बात  की थी और डींग मारी थी कि भारत के किसी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा .पाकिस्तानी  विदेशनीति और आंतरिक सुरक्षा की सभी नीतियों में कश्मीर का ज़िक्र प्रमुख रूप से होता है . वह उनका स्थाई भाव है .पाकिस्तान में भारत के संभावित हमले की बोगी हर सरकारी मंच से चलाई जा रही है . उनके विदेशी मामलों के दफ्तर के प्रवक्ता , ज़ाहिद हफीज़ चौधरी ने सारी दुनिया से अपील कर डाली कि विश्व के नेताओं को चाहिए कि भारत को  पाकिस्तान पर हमला करने से रोके .

जम्मू-कश्मीर में डी डी सी चुनावों में बड़े पैमाने पर कश्मीरी अवाम और राजनीतिक दलों की शिरकत के बाद पाकिस्तान के शासक वर्ग में चिंता बहुत बढ़   गयी है . अब तक हर मोर्चे पर कश्मीर की बोगी चलाकर अपनी जनता और अपने विदेशी  मित्रों को भटकाने की कोशिश करने वाली  पाकिस्तान सरकार को अपनी नाकामियाँ छुपाने के लिए और कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. ऐसी हालत में भारत के हमले का ज़िक्र करके अपनी  खिसियाहट छुपाने की कोशिश के अलावा इसको कुछ और नहीं मना जा सकता क्योंकि भारत की तरफ से  पाकिस्तान पर कोई हमला नहीं होने वाला है . हां, यह तय है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों की लाख कोशिश के बाद जिला स्तर पर राजनीतिक नेताओं की जो फैज़ खडी हो गयी है ,वह आने वाले दिनों में पाकिस्तान के हर झूठ का जवाब देने के लिए तैयार है .

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