शेष नारायण सिंह 
नई दिल्ली, १४ अप्रैल. समाजवादी पार्टी  के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कामकाज  में किसी तरह का दखल नहीं देना चाहते. राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के एक महीने बाद आज एक ख़ास मुलाक़ात में मुलायम सिंह यादव ने  साफ़ कहा कि वे राज्य सरकार के काम काज में किसी तरह की दखलंदाज़ी नहीं करेगें.जब  उन्हें याद दिलाया गया कि दिल्ली की जामा  मस्जिद के इमाम के  दबाव में  फैसले लेकर उन्होंने  राज्य सरकार के ऊपर दबाव डाला है  तो उन्होंने  कहा कि वे किसी के दबाव में फैसले नहीं लेते . जहां तक इमाम से बातचीत का  सवाल है उनके दरवाज़े सब के लिए खुले हैं . किसी भी समुदाय के महत्वपूर्ण व्यक्ति से बात करना  सरकारी नहीं राजनीतिक काम  है और पार्टी के  राष्ट्रीय अध्यक्ष  रूप में वे काम करते रहेगें.जहां तक सरकारी काम का सवाल है उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को  बता दिया है कि राज्य सरकार के किसी काम को वे प्रभावित नहीं करेगें. किसी भी सरकारी काम के लिए उन्हें मुख्यमंत्री या राज्य सरकार के सम्बंधित मंत्रियों से ही संपर्क करना पडेगा. बात चीत से साफ़ लगा कि वे मुसलामानों के  कल्याण के  लिए खुद चिंतित हैं और  उन्हें  मालूम है कि उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने उनकी बात पर विश्वास करके ही उनकी पार्टी को  वोट दिया है. राज्य में व्यापक मुस्लिम समर्थन उनको इसलिए मिला है कि मुसलमान उनकी बातों पर भरोसा करते हैं .उसके लिए मुस्लिम समुदाय के किसी भी नेता से ज्यादा वे खुद ज़िम्मेदार हैं
मुसलमानों के साथ हुए पिछली सरकार के शासन काल के  अन्याय के लेकर वे बहुत चिंतित नज़र आये. उन्होंने कहा कि  इस समुदाय के साथ जो भी अन्याय हुआ है राज्य सरकार उसे ठीक करने के लिए काम कर रही है. सरकार  को वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में राजनीतिक समर्थन पूरी तरह से देते रहेगें.उन्होंने कहा कि हालांकि कोई काम ऐसा नहीं किया  जाएगा जिस से लगे कि पिछली सरकार के साथ बदले की भावना  से काम किया जा रहा है लेकिन पिछली सरकार से जो गलतियाँ हुई हैं उनको सुधारने  की पूरी कोशिश की जायेगी. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने ठीक से काम नहीं किया .  कहने लगे कि उत्तर प्रदेश की पिछ्ली सरकार ने  केंद्र सरकार के  योजना आयोग से एक मद में ५० करोड़ रूपये की मांग की थी जबकि उसी काम के लिए गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार ने अरबों रूपये की योजना बनाकर केंद्र सरकार के  पास भेजा और मंज़ूर करा लिया . इस तरह से ठीक से प्रस्ताव तैयार करवा कर सही अफसरों को लगाकर जहां नरेंद्र मोदी करोड़ों रूपये ले जाने में सफल रहे . उत्तर प्रदेश की पिछली सरकार ने केंद्र से अपना हक भी ठीक से नहीं लिया .  उन्होंने कहा कि  मुख्य मंत्री से उन्होंने कहा  है कि केंद्र से सहायता लेने के लिए जो भी प्रस्ताव भेजा जाए उसे  बिलकुल  दुरुस्त होना चाहिए जिस से राज्य सरकार के हित में काम किय जाय .जहां  तक मुसलमानों की बात है उनके घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख कर दिया गया है कि मुसलमानों के  कल्याण को प्राथमिकता दी जायेगी और  वचन को पूरा किया जाएगा. जब एक निर्दलीय संसद सदस्य को उनकी पार्टी में शामिल होने की बात की गयी तो उन्होंने साफ़ कहा कि  वे हमारी पार्टी में नहीं  हैं.  उन्होंने वहां मौजूद  लोक सभा सदस्य से भी कहा कि  आपने  अपने संसदीय इलाके में मुझसे जो भी वायदे करवाए थे उन्हें मुख्य मंत्रीसे मिल कर पूरा करवा लीजिये . और अगर ज़रूरी हो तो मैं भी  बात कर सकता हूँ .
 
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