शेष नारायण सिंह 
मुंबई,५ दिसंबर . पाकिस्तान में पिछले ४ हफ़्तों में प्रगतिशीलता की दिशा में जितने बदलाव हुए हैं ,उतने पाकिस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुए . पाकिस्तान की संसद में पिछले महीने तीन ऐसे बिल पास  किये गए हैं जिनको देख कर लगता है कि पाकिस्तान  में  जनमत के दबाव के तले  परिवर्तन की बयार बह रही है. .पाकिस्तान के  बड़े राजनीतिक कार्यकर्ता और पाकिस्तान में मानवाधिकारों के संघर्ष के एक महत्वपूर्ण  हस्ताक्षर ,बी एम कुट्टी  ने आज मुंबई में कहा  कि बहुत दिन बाद पाकिस्तान में लोकशाही  की जड़ें जमती दिख रही है . पाकिस्तानी पंजाब के पूर्व गवर्नर , सलमान तासीर की हत्या के एक साल बाद उनकी याद में मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित एक गोष्ठी में  आज बी एम कुट्टी ने कहा कि यह बहुत संतोष की बात है कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री युसूफ रजा गीलानी आम पाकिस्तानी की उस भावना को आवाज़ दे रहे हैं जिसमें वह चाहता है कि पाकिस्तानी फौज़ को काबू में रखा जाए .
पाकिस्तान की जो तस्वीर आज यहाँ बी एम कुट्टी ने पेश की उस से लगता है कि वहां अब  फौज की मनमानी पर लगाम लगाई जा सकेगी. पाकिस्तान के चर्चित  मेमोगेट काण्ड के बाद जिस तरह से फौज ने सिविलियन सरकार को अर्दब में लेने की कोशिश की थी उसके बाद पाकिस्तान में  एक बार फिर फौजी हुकूमत की आशंका बन गयी थी . उसी दौर में राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी को इलाज़ के लिए दुबई जाना पड़ गया था. जिसके बाद यह अफवाहें बहुत ही गर्म हो गयी थीं कि पाकिस्तान एक बार फिर  फौज के  हवाले होने वाला है . लेकिन  प्रधान मंत्री युसफ रज़ा गीलानी ने कमान संभाली और  सिविलियन सरकार की हैसियत को स्थापित करने की कोशिश की.  अब फौज रक्षात्मक मुद्रा में है. . जब मेमोगेट वाले कांड में फौज के जनरलों की मिली भगत की बात सामने आई तो प्रधान मंत्री ने फ़ौरन जांच का आदेश दिया .. पाकिस्तानी जनरलों की मर्जी के खिलाफ यह जांच चल रही है और इमकान है कि सिविलियन सरकार का इक़बाल भारी पडेगा और पाकिस्तान में एक बार लोकशाही की जड़ें  जम सकेगीं .     . 
बी एम कुट्टी पाकिस्तान में बहुत ही सम्मान से देखे जाते हैं .  उन्होंने  बताया कि पिछले ४ हफ़्तों में  जो कानून पास हुए हैं उस से इस बात का अंदाज़ लग जाता है कि पाकिस्तान में अब मुल्ला और मिलिटरी की मर्जी से हुकूमत नहीं चलेगी. पाक्सितान में एक कानून था कि लड़कियों  की शादी कुरआन से कर दी जाती थी. ऐसा इसलिए किया जाता था कि ज़मींदारी प्रथा के बीच जी  रहे पाकिस्तानी  समाज को नहीं मंज़ूर था कि पुश्तैनी  ज़मीन का बँटवारा  हो . पिछले महीने संसद में सर्व सम्मति से बिल पास करके इस अमानवीय कानून को  रद्द कर दिया गया..बी एम कुट्टी ने बताया कि पाकिस्तान में  इस बात पर भी जनमत बन रहा है कि ईशनिंदा कानून को भी बदल दिया  जाए. इसी कानून का विरोध करने के बाद ही सलमान तासीर की ह्त्या की गयी थी. उनके बेटे को पिछली  अगस्त में किडनैप कर लिया गया था और  उनकी बेटी को धमकियां  मिल रही हैं . उसके हत्यारे के ऊपर इस्लामाबाद  में कुछ वकीलों ने फूल भे बरसाए थे . लेकिन अब  सब कुछ बदल रहा है . पिछले दिनों पाकिस्तानी  हैदराबाद में एम क्यू एम नाम के राजनीतिक संगठन की एक  सभा में कुछ लोग सलमान तासीर की तस्वीर लेकर आये  थे उन्हें शहीद  का दर्ज़ा देने  की बात  कर रहे थे . बी एम कुट्टी ने भारत के लोगों और मीडिया से अपील की कि वे पाकिस्तान की सिविलियन सरकार को समर्थन दें ,मुल्ला और मिलिटरी  के भड़काऊ बयानों को नज़र अन्दाज़करें  क्योंकि वे वहां अल्पमत में हैं . पाकिस्तान  में लोकशाही  की मजबूती भारत और पाकिस्तान दोनों के हित में  है .
 
पाकिस्तान में प्रधान मंत्री युसफ रज़ा गीलानी एक योग्य राज नेता के रूप में उभर रहे हैं | वे लोकशाही के के प्रतीक हैं | पाकिस्तानी फ़ौज और बदनाम आई एस आई सरकार पर दबाव बनाने कामियाब नहीं हो पा रही है | भारत से भी इस सरकार के सम्बन्ध अपनी पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में सबसे बेहतर है | इस सरकार की लम्बी उम्र की कामना की जानी चाहिए|
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