Tuesday, October 11, 2011

मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने थानेदारों फटकारा ,राजनीतिक गुंडों को सख्ती से काबू करो

शेष नारायण सिंह

मुंबई,९ अक्टूबर. मुंबई पुलिस ने राजनीतिक गुंडई को काबू में करने का मन बना लिया है . मुंबई के पुलिस कमिश्नर ,अरूप पटनायक ने अपने थानेदारों को हिदायत दी है कि राजनीतिक गुंडों की पहचान करके उन्हें बदमाशी करने से हर हाल में रोकना होगा . अगर किसी थानेदार के इलाके में राजनीतिक गुंडई होती है तो दरोगा को सज़ा दी जायेगी. पुलिस की इस सख्ती से सबसे ज़्यादा लाभ उत्तर भारतीय ऑटो ड्राइवरों को होगा जो आजकल राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं के आतंक को झेल रहे हैं.
मुंबई के पुलिस कमिश्नर का यह बयान बहुत ही ज़रूरी था. मुंबई में अगले तीन चार महीनों ताक बहुत ही ज़्यादा राजनीतिक गहमागहमी रहने वाली है .मुंबई नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं जहां आजकल शिवसेना का कब्ज़ा है . शिवसेना से अलग होकर अपना राजनीतिक कारोबार करने वाले शिव सेना प्रमुख के भतीजे ,राज ठाकरे वहां शिवसेना को सबक सिखाना चाहते हैं , इसलिए शिवसेना के कट्टर समर्थकों को अपनी तरफ लाने के लिए वे उत्तर भारतीयों के खिलाफ तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं . राज ठाकरे का पिछ्ला रिकार्ड ऐसा है कि उनको उत्तर भारतीय तो किसी भी हालत में वोट नहीं देगें. उन्होंने ही हर मौके पर यू पी और बिहार से जाकर मुंबई में रोटी कमाने वाले गरीब लोगों को पिटवाया था.ऐसी ही हालत शिवसेना की भी है . इसलिए उत्तर भारतीयों के खिलाफ भावनाओं को भड़का कर वोट लेने की अपनी कोशिश के तहत राज ठाकरे ने पिछ्ले दिनों राजनीतिक गुंडई के सहारे उत्तर भारतीयों को परेशान करने की राजनीतिक योजना पर काम शुरू कर दिया था. उन्होंने सबसे ज्यादा असंगठित वर्ग , ऑटो रिक्शा चालकों को निशाने पार लिया .इस वर्ग में भी केवल उत्तर भारतीयों पर लाठियां बरसाने का काम शुरू किया गया.ऑटो चालकों में यू पी से जाकर अपनी रोटी कमाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है .इसी तरह की गुंडागर्दी के खिलाफ पुलिस ने अभियान शुरू करने का फैसला किया है .
पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक का कहना है कि इस तरह की गुंडई से पुलिस की छवि तो खराब होती ही है, मुंबई शहर की भी बदनामी होती है . उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पुलिस स्टेशनों के इंचार्ज लोगों की मिलीभगत भी इस तरह की कारस्तानियों में पायी गयी थी . उन्हें रंज है कि आज राजनीतिक गुंडई की हालात लगभग बेकाबू इसलिए हो गए हैं कि शुरू में पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया . कमिश्नर पटनायक ने अपनी फ़ोर्स को चेतावनी दी कि चौकन्ना रहो और योजना बनाकर अपराध करने की राजनीतिक पार्टियों की कोशिश को वारदात होने से पहले ही रोक दो.पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पिछले दिनों ऑटो रिक्शा वालों पर हुए हमले बेशक छिटपुट घटनाएं लगती हों लेकिन वे घटनाएं शहर में फ़ैली अराजकता को रेखांकित करने में पूरी तरह से सफल रही हैं . उन्होंने चिंता जताई कि अगर इस तरह की घटनाएं होती रहीं तो मुंबई ऐसे शहर के रूप में पहचाना जाने लगेगा जहां कानून व्यवस्था की हालत बहुत ही खराब है .उन्होंने अपने लोगों को आदेश दिया कि स्कूलों में एडमिशन करवाने के लिए भी कुछ लोकल नेता प्रिंसिपलों पर बेजा दबाव डालते हैं . ऐसे नेताओं पार भी सख्ती की ज़रुरत है और कोशिश की जानी चाहिए कि यह छोटे मोटे नेता भी गुंडई करने की हिम्मत न कर सकें.पिछले दिनों उत्तर भारतीयों पर हुए हमलों पर नाराज़गी जताते हुए उन्होंने थानेदारों को फटकारा और कहा कि यह घटनाएं पुलिस गाफिल पड़ने की वजह से हुई थीं .

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