शेष नारायण सिंह
आज ( ५ मार्च ) जयशंकर गुप्त का जन्मदिन है. जयशंकर मेरे बहुत ही प्रिय हैं . इसलिए कि उन्होंने वे सभी काम किये जो जीवन में मैं करना चाहता था . एक प्रखर समाजवादी के रूप में जीवन शुरू किया ,छात्र जीवन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इमरजेंसी के खिलाफ ज़बरदस्त छात्र नेता रहे. मधु लिमये, जार्ज फर्नांडीज़, राज नारायण ,लाडली मोहन निगम, मधु दंडवते , जनेश्वर मिश्र जैसे समाजवादियों के सत्संग में उनका नाम बहुत ही सम्मान से लिया जाता था. उनके पिता जी डॉ लोहिया के मित्र थे. उत्तर प्रदेश में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विधायक रहे. जयशंकर गुप्त और उनके साथ इंदिरा गांधी की तानाशाही को चुनौती देने वाले नौजवानों की हिम्मत का ही जलवा था कि पूरे उत्तर भारत में इंदिरा गांधी और उनकी पार्टी चुनाव हारी और केंद्र में पहली गैर कांग्रेस सरकार की स्थापना हुई. जनता पार्टी की सरकार उसी आन्दोलन की सरकार थी जिसमें देश के नौजवान जेल गए थे. लेकिन अपनी सरकार आने के बाद भी अन्याय के खिलाफ जयशंकर संघर्ष करते रहे. जनता पार्टी के राज में भी जेल गए . इन नौजवानों की समझ में उसी दौर में आ गया था कि केवल सत्ता बदली है शासक की मनोदशा नहीं बदली.
बहरहाल उसके बाद जयशंकर को सद्बुद्धि मिली और उन्होंने गीता जी से शादी कर ली , देश के शीर्ष पत्रकारिता संस्थाओं में काम किया , तीन बहुत ही अच्छे बच्चों के माता-पिता बने और जहां भी जाते हैं , इज्ज़त से पहचाने जाते हैं . मेरा उनसे कुछ ज़्यादा अपनापन इसलिए भी है कि मेरे गुरु ,स्व मधु लिमये उनको बहुत मानते थे, उनका बहुत ही सम्मान से नाम लेते थे.
जन्मदिन मुबारक जयशंकर, बहुत बहुत मुबारक
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