Thursday, September 8, 2011
बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने फिर किया रथयात्रा का ऐलान .
शेष नारायण सिंह २००८ में लोक सभा में वोट के बदले नोट काण्ड में पकडे गए बीजेपी के सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा को जेल भेजे जाने से नाराज़ बीजेपी ने रथ यात्रा का ऐलान कर दिया है . आज संसद भवन में आयोजित के पत्रकार वार्ता में बीजेपी के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि उनको फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर सिंह भगोरा और अशोक अर्गल के पैसे लेकर वोट देने की घटना की पूरी जानकारी थी . उन्होंने सरकार को आगाह किया कि उनकी पार्टी के सांसद वास्तव में भ्रष्टाचार की पोल खोलने का काम कर रहे थे . उन्हें अभियुक्त बनाना सरासर गलत है . श्री आडवाणी ने कहा कि अगर उनकी पार्टी के सांसदों को जेल भेजा गया है तो सरकार को चाहिए कि उन्हें भी जेल भेजे दे क्योंकि उन्हें पूरे काण्ड की जानकारी थी . इस मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि श्री आडवाणी को भी उनके इस इक़बालिया बयान के लिए उसी धारा में बुक किया जा सकता है जिसमें उनके साथी जेल भेजे गए हैं . लेकिन आडवानी की गिरफ्तारी की किसी संभावना से अधिकारी इनकार कर रहे हिं क्योंकि उनका दावा है लाल कृष्ण आडवाणी उस काम में शामिल नहीं थे . पुलिस के पास ऐसे कोई सबूत नहीं है न. हालांकि उनके ख़ास सहायक सुधीन्द्र कुलकर्णी को उसी मामले में चार्ज शीट किया जा चुका है . वे दरअसल अपनी पार्टी के सदस्यों को नैतिक समर्थन देने के उद्देश्य से अपने शामिल होने की बात कर रहे हैं . आडवाणी की प्रस्तावित रथ यात्रा से केंद्र सरकार के आला अधिकारियों में चिंता नज़र आई . श्री आडवाणी ने बताया कि उनके नई रथ यात्रा भी उनकी पुरानी सोमनाथ से अयोध्या वाली यात्रा जैसी ही होगी.लेकिन इस बार मुद्दा भ्रष्टाचार, स्वच्छ राजनीति और जनतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा होगा .उन्होंने कहा कि यात्रा के एजेंडे में विदेशों में जमा ब्लैकमनी को वापस लाने की बात भी करेगें . अपनी प्रेस वार्ता में श्री आडवाणी ने एक से अधिक बार कहा उनकी पार्टी के अध्यक्ष से इस सम्बन्ध में बात हो चुकी है . यह यात्रा नवम्बर के पहले ही की जा सकती है क्योंकि लोक सभा के शीतकालीन सत्र के पहले वे यह काम निपटा लेना चाहते हैं . जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपनी पार्टी के भ्रष्टाचार के केन्द्रों बेल्लारी और अहमदाबाद भी जायेगें तो उन्होंने सकुचा कर कहा कि इस बात को वे सुझाव की तरह मान रहे हैं और इस पर विचार किया जाएगा. जानकार बताते हैं कि इस यात्रा में शायद वह बीजेपी के भ्रष्टाचार के कारनामों को बचाना चाहें क्योंकि वे बेल्लारी और अहमदाबाद के बारे में दुविधा की बात करके कई तरह की शंकाओं को जन्म दे रहे हैं. लाल कृष्ण आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा देश की राजनीति में हलचल लाने के लिए काफी इमानी जा रही है . अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन की वजह से देश में आजकल भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़बरदस्त माहौल है . ज़ाहिर है भ्रष्टाचार से ऊब चुकी जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी मुहिम को समर्थन दे सकती है .लेकिन कांग्रेसी सूत्र बताते हैं कि आडवाणी की यह यात्रा अन्ना हजारे के आन्दोलन को अपना लेने की है लेकिन अन्ना हजारे कभी भी अपने आन्दोलन को बीजेपी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को हासिल करने के लिए कुरबान नहीं करेगें . हालांकि बी जे पी वालों का भी मानना है कि इस यात्रा से लाल कृष्ण आडवाणी अपनी पार्टी में एक बार फिर सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित हो जायेगें अगर ऐसा हुआ तो नितिन गडकरी को निश्चित रूप से राजनीतिक नुकसान होगा क्योंकि जब तक श्री आडवाणी की रथ यात्रा चलेगी ,तब तक बीजेपी की मीडिया प्रबंधन की सारी मशीनरी उसी में लगी रहेगी. और गडकरी अखबारों की सुर्ख़ियों से उस दौर में हटने के लिए मजबूर हो जायेगे,.
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अन्ना आंदोलन को आर एस एस,भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के मनमोहन गुट का भी समर्थन था। यह 2014 मे भाजपा और कांग्रेस के एक गुट द्वारा मिल कर सम्मिलित सरकार बनाने का पूर्वाभ्यास है।
ReplyDeleteअरे रे इतनी बड़ी दिक्कत .
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