Friday, September 2, 2011
अन्ना की टीम के किसी बन्दे को भ्रष्ट कहने वाले अच्छे लोग नहीं हैं .
शेष नारायण सिंह नई दिल्ली,२ सितम्बर.अन्ना हजारे की टीम के ख़ास सदस्यों को घेरने की केंद्र सरकार की नीति को आज अरविंद केजरीवाल ने आड़े हाथों लिया .उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के आन्दोलन की धार को कमज़ोर करने के लिए कांग्रेस पार्टी के हुकुम के बाद उनके पुराने विभाग़ ने सक्रियता दिखाई है . उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अन्ना हजारे की कोर टीम को दौंदियाने की कोशिश कर रही है . उनका दावा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मैदान ले चुकी इस देश की जनता सरकार की इस कोस्शिश को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी. अरविंद केजरीवाल आज प्रेस से मुखातिब थे . उनके साथ उनके ख़ास साथी प्रशांत भूषण और किरण बेदी भी मौजूद थे. उधर सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनकी टीम के दिल्ली के सदस्यों के दागदार साबित होने के बाद अन्ना हजारे इन लोगों को अपने साथ नहीं रखेगें. सरकार को भरोसा है कि अन्ना की छवि बिलकुल साफ़ है और वे जब भी उनके साथी दागदार पाए जाते हैं , वे उन्हें अपनी टीम से ड्राप कर देते हैं . ऐसा वे महाराष्ट्र में चलाए गए अपने हर आन्दोलन के बाद कर चुके हैं . केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवाल को घेरने की कवायद शुरू कर दी है . जब वे इनकम टैक्स विभाग में अफसर थे ,उस समय की कुछ गड़बड़ियों को कल सरकार की तरफ से मीडिया के फोकस में लाया गया था. केजरीवाल ने आज केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि जिस नोटिस को आज हर अखबार ने प्रमुखता से छापा है वह सरकार की उस योजना का नमूना है जिसके तहत वह अन्ना हजारे की टीम के ख़ास लोगों शक़ के दायरे में लेने की कोशिश कर रही है . उन्होंने कहा कि उनके ऊपर जो ९ लाख रूपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है वह बेबुनियाद है . अरविंद केजरीवाल की बात पर कोई भी सरकारी अधिकारी बयान देने को तैयार नहीं है लेकिन खुसुर पुसुर अभियान पूरी तरह से चल रहा है . इसके पहले प्रशांत भूषण के पिता शान्ति भूषण की सी डी के मामले को भी प्रेस को लीक कर दिया गया था . उस सी डी को अमर सिंह ने प्रशांत भूषण और शान्ति भूषण को भ्रष्ट साबित करने के लिए अदालत में पेश किया था . दिल्ली पुलिस अन्ना हजारे के अनशन के ख़त्म होने के बाद उस सी डी के बारे में दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दिया .. यानी पुलिस मानती है कि उस मामले को साबित करने के बारे वह गंभीर नहीं है लेकिन उस सी डी के असली होने की बात को पब्लिक कर दी गयी . सच्चाई यह है कि सी डी को जिसने सुना है उसके मन में शान्ति भूषण और प्रशांत भूषण के बारे में शक़ होना स्वाभाविक है क्योंकि मुलायम सिंह यादव से जो बातचीत उसमें सुनायी पड़ रही है वह पूरी तरह से स्पष्ट है और शान्ति भूषण प्रशांत की उस क्षमता का ज़िक्र कर रहे हैं जिसके अनुसार वे जजों को मैनेज कर सकते हैं . . इस सी डी का मकसद भी अन्ना की टीम के दो ताक़तवर लोगों को धूमिल करने की कोशिश ही नज़र आती है . आज दिल्ली विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी से बात करने पर पता लगा कि सरकार अन्ना की टीम की एक अन्य सदस्य किरण बेदी की एन जी ओ जुडी कुछ बातों को पब्लिक डोमेन में डालने की बात कर रही है . डी डी ए में चर्चा है कि किरण बेदी ने अपने एन जी ओ के लिए कुछ मकान अनाधिकृत तरीके से लेने की कोशिश की थी. इसका मतलब यह हुआ कि किरण बेदी को भी शक़ के दायरे में लाने की कोशिश शुरू हो गयी है . किरण बेदी की ख्याति बहुत ही ईमानदार अफसर की रही है लेकिन सरकार उनको भी घेरने की कोशिश कर रही है . जब सरकार की हताशा के ज़िक्र सत्तापक्ष के एक बड़े नेता से किया गया तो उनका कहना था कि इन आरोपों के बाद अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण की छवि निश्चित रूप से धूमिल होगी और जो लोग अन्ना हजारे को जानते हैं उनका दावा है कि अपने साथ किसी भी दागदार आदमी को कभी न रखने वाले अन्ना हजारे अपनी टीम में फेरबदल भी कर सकते हैं .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment