जंतर मंतर
Wednesday, June 30, 2010
वापस आ गया हूँ
मैं मुंबई,वाराणसी,सुल्तानपुर और लखनऊ होते हुए वापस आ गया हूँ . इसे "लौट के बुद्धू घर को आये" या "पुनर्मूसिको भव" की तर्ज पर समझा जा सकता है .
2 comments:
संगीता पुरी
June 30, 2010 at 10:27 PM
पुनर्वापसी पर स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं!!
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qissa
July 1, 2010 at 2:36 AM
खुश-आमदीद
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पुनर्वापसी पर स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteखुश-आमदीद
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