Sunday, July 31, 2011

भारतीय नागरिक नाम के टिप्पणीकार की मनोदशा

शेष नारायण सिंह
कोई भारतीय नागरिक नाम के टिप्पणीकार आज कल मुझ पर बहुत ही कृपालु हैं. प्रश्न कर रहे हैं कि गुलाम नबी फाई की गिरफ्तारी के खिलाफ लिखी गयी पोस्ट क्यों हटा दी? मुझे याद नहीं है कि मैंने कभी भी गुलाम नबी फाई की गिरफ्तारी के बाद कुछ लिखा हो. उसकी कारस्तानियों के बारे में मैंने कुछ लिखा था और यह बताया था कि वह आई सी आई का आदमी है . यह पोस्ट मेरे ब्लॉग पर है .उसके दो तीन दिन बाद उसकी गिरफ्तारी की खबर आई थी. इन भारतीय नागरिक जी की मनोदशा का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है.ईश्वर से प्रार्थना की जानी चाहिए कि वह इन श्रीमान जी को उनकी समस्या से जूझने की ताक़त दे.

2 comments:

  1. आदरणीय सिंह साहब ! भारतीय नागरिक नाम से लिखने वाले हमारे ये भाई इसी तरह की चिंताएं आम तौर पर किया करते हैं.
    हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें।
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
    बेहतर है कि ब्लॉगर्स मीट ब्लॉग पर आयोजित हुआ करे ताकि सारी दुनिया के कोने कोने से ब्लॉगर्स एक मंच पर जमा हो सकें और विश्व को सही दिशा देने के अपने विचार आपस में साझा कर सकें। इसमें बिना किसी भेदभाव के हरेक आय और हरेक आयु के ब्लॉगर्स सम्मानपूर्वक शामिल हो सकते हैं। ब्लॉग पर आयोजित होने वाली मीट में वे ब्लॉगर्स भी आ सकती हैं / आ सकते हैं जो कि किसी वजह से अजनबियों से रू ब रू नहीं होना चाहते।

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  2. जो लोग अपनी पहचान छिपाते हैं वे बुद्धिमान तो होते नहीं हैं। अतः उनसे किसी अच्छी बात की उम्मीद ही नहीं है । कोई ईश्वर उन्हें बुद्धि नहीं देना चाहेगा।

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