Friday, August 12, 2011

वामपंथी पार्टियों का दावा,बीजेपी और कांग्रेस धन्नासेठों के हितसाधक हैं



शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली, ११ अगस्त. लोक सभा में कम सदस्य संख्या वाली पार्टियों ने आज बीजेपी पर सीधा हमला बोला और दावा किया कि बीजेपी और कांग्रेस की मिलीभगत है . दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि संसद में बिना किसी चर्चा कि वे बिल पास करा लिए जाएँ जिनसे देश के आम आदमी का बहुत नुकसान होगा लेकिन बहुत बड़ी कंपनियों का फायदा होगा . राज्य सभा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उनकी पार्टी बीजेपी द्वारा संसद की कार्यवाही में बार बार बाधा डालने के खिलाफ है और उनकी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस बात का बहुत बुरा माना है . लोकसभा में वामपंथी उअर अन्य धर्म निरपेक्ष पार्टियों के नेताओं ने एक प्रेस कानफरेंस करके विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के उस बयान पर सख्त एतराज़ ज़ाहिर किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी रोज़ सुबह तय करेगी कि उस दिन की संसद की कार्यवाही को चलने देना है कि नहीं . कम्युनिस्ट पार्टी के संसद सदस्य गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि यह बयान दंभ से भरा हुआ है . उन्होंने कहा कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने इतना अहंकार पूर्ण बयान कभी नहीं सुना है . गुरुदास दासगुप्ता ने दावा किया कि विपक्ष की नेता के इस बयान से उनके साथ के एन डी ए के नेता अभी आहत हैं . उन्होंने कहा कि समता पार्टी के नेता, शरद यादव ने ख़ास तौर से आग्रह किया कि प्रेस कानफरेंस में उनके दृष्टिकोण को भी रखा जाए और यह सब को बता दिया जाए कि वे सुषमा स्वराज के उस बयान को गलत मानते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी तय करेगी कि सदन कब चले और कब न चले. श्री दासगुप्त ने दावा किया कि इस मुहिम में उनके साथ बीजू जनता दल, तेलुगु देशम पार्टी , ए आई ए डी एम के, जे डी ( एस )आदि भी शामिल हैं . बीजेपी का वोट प्रतिशत २० के आस पास है लिहाजा बीजेपी को कोई हक नहीं है कि वह पूरे देश पर अपनी मर्ज़ी की बात लादे. वामपंथी पार्टियों ने दावा किया कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही कार्पोरेट कंपनियों के हितसाधन के लिए काम कर रही हैं . दोनों ही पार्टियां नहीं चाहतीं कि सही तरीके से बहस हो और सरकार को मंहगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संसद में घेर जा सके. अलबता जब मामला बैंकिंग बिल और इंश्योरेंस बिल पास कराने का होगा तो दोनों ही पार्टियों की कोशिश होगी कि उसे बिना बहस के पास करा लिया जाए . उनका आरोप था कि इस मामले पर दोनों ही एक हो जायेगें .

1 comment:

  1. वामपंथियों तो गरीबों किसानों की हित साधक है जिसका नमूना सिंगुर में सब देख चुके है |
    way4host

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