Friday, August 12, 2011

लोकसभा में सरकार का दावा -मनरेगा लागू होने के बाद खेती की ज़मीन में वृद्धि हुई है


शेष नारायण सिंह

नई दिल्ली,११ अगस्त. ग्रामीण विकास मंत्री ,जयराम रमेश ने दावा किया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा ) के लागू होने के बाद पूरे देश में ज्यादा ज़मीन में खेती हो रही है .छोटे और मझोले किसानों की आर्थिक हालत में सुधार हुआ है . उन्होंने आज लोकसभा को बताया कि मनरेगा के अंतर्गत और भी कुछ काम लिए जाने का प्रस्ताव है . मसलन पूर्वे एराज्यों में कुछ इलाकों में कम गहराई तक बोरिंग वाले ट्यूब वेल लगाने का काम भी मनरेगा के तहत शुरू किया अजा सकता है . कांग्रेस की सांसद श्रुति चौधरी ने सरकार से मांग की कि फसल काटने के काम को भी मनरेगा के स्कोप में लिया जाया. उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने के बाद पंजाब और हरयाणा में फसल काटने के लिए मजदूरों की भारी समस्या पैदा हो गयी है . अगर इस स्कीम में फसल काटने के काम को भी जोड़ दिया जाए तो किसानों को बहुत सहूलियत होगी. यह बात सच है क्योंकि पंजाब का संपन्न किसान अब कम पैसे के लिए शारीरिक श्रम नहीं करता . पंजाब में फसल काटने के लिए पिछले ३० वर्ष से यू पी और बिहार से मजदूर आते रहे हैं लेकिन जब से मनरेगा लागू हुई है तब से पूरब के मजदूर पंजाब नहीं आते . उनको अपने गाँव में ही मजदूरी का काम मिल रहा है . मंत्री ने सदन में कहा कि इस बात पर विचार किया जाएगा.बात में जनसन्देश टाइम्स से बात करते हुए जयराम रमेश ने बताया कि यह तो मनरेगा की सफलता की कसौटी है . उन्होंने बताया कि ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना मूल रूप से गाँव के लोगों को उनके घर के पास काम देने के उद्देश्य से बनाई गयी थी . और अगर यू पी और बिहार का मजदूर हज़ारों किलोमीटर जाकर कर मजदूरी नहीं कर रहा है तो मनरेगा को सफल माना जाना चाहिए

चर्चा के दौरान विपक्ष की नेता और बीजेपी सांसद सुषमा स्वराज ने मनरेगा पर राजनीतिक हमला बोला . उन्होंने कहा कि मनरेगा की स्कीम बहुत ही अव्यावहारिक है और पूरी तरह से असफल है . इसे ठीक से बनाया ही नहीं गया था . उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राज्यों के संसद सदस्यों की राज्यवार बैठक बुलाकर इस पर चर्चा की जा सकती है उन्होंने दावा किया कि तीन जिलों की मनरेगा समितियों की वे अध्यक्ष हैं और उनका अनुभव है कि कहीं कुछ नहीं हो रहा है . सरकार की तरफ बताया गया कि नेता विपक्ष के राज्य ,मध्यप्रदेश में मनरेगा में बहुत सारी गड़बड़ियां हैं लेकिन उन गड़बड़ियों को ठीक करने का काम उसी कमेटी है जिसकी सुषमा जी अध्यक्ष हैं , उन्हें चाहिए कि हर तीन महीने में बैठक लें और योजना को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें. बाद में लोकसभा की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और अगर कोई सदस्य नोटिस दे तो इस पर आधे घंटे की चर्चा की जा सकती है .

1 comment:

  1. खेती की ज़मीन में वृद्धि हुई या नहीं हुई पर हरामखोरी में मनरेगा ने जरुर वृद्धि की है|
    way4host

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