शेष नारायण सिंह
अमर सिंह को खोकर मुलायम सिंह यादव का भारी नुकसान हुआ है ..अमर सिंह बहुत अच्छे इंसान हैं , राजनीतिक प्रबंधन का कौशल उनके टक्कर का किसी और नेता में नहीं है . उन्होंने मुलायम सिंह यादव की पार्टी को बहुत मजबूती दी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनको अमर सिंह ने ही बचाया . अमर सिंह एक बहुत अच्छे नेता हैं और मैं उनका बहुत आदर करता हूँ .उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कल्याण सिंह ने एक बातचीत के दौरान यह बातें कहीं.. यह पूछे जाने पर कि क्या आप अमर सिंह को अपने साथ लेंगें , उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया. बोले कि अभी अमर सिंह के लिए पार्टी में शामिल होना तकनीकी रूप से अड़चन वाला काम है क्योंकि जब तक समाजवादी पार्टी उन्हें निष्कासित नहीं करती उन्हें उसी पार्टी में रहना पड़ेगा. क्योंकि अगर खुद इस्तीफ़ा दे देगें तो राज्य सभा की सदस्यता जायेगी. इस लिए जब तक वे समाजवादी पार्टी से अलग नहीं होते उनके लिए कोई भी पार्टी ज्वाइन करना संभव नहीं है ... कल्याण सिंह ने इस बात को भी सिरे से खारिज कर दिया कि अमर सिंह उन्हें समाजवादी पार्टी के साथ लाये थे. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ही उनके बेटे के घर गए और लखनऊ उनके घर गए. साथ में अमर सिंह भी थे लेकिन लाये मुलायम सिंह यादव ही थे . उन्होंने इस बात पर अपनी नाराज़गी जताई कि बाद में उन्हें अपमानित करके अलग कर दिया और कहा कि गलती से आगरा सम्मलेन के लिए कार्ड पंहुच गया था और कल्याण सिंह चले आये. . कोई उनसे पूछे कि आगरा में जब माइक पर माननीय मुलायम सिंह यादव , कल्याण सिंह जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे तो वह भी गलती से हो गया था . मुलायम सिंह की आदत है कि वे लोगों को मझधार में छोड़ देते हैं ..वही मेरे साथ हुआ और वही अब अमर सिंह के साथ हो रहा है. हाँ इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जब अमर सिंह को कहीं जगह न मिले तो वे और मुलायम सिंह फिर इकठ्ठा हो सकते हैं .. इसलिए अभी अमर सिंह के अगले पड़ाव के बारे में कुछ कहना ठीक नहीं होगा. जहां तक उनका सवाल है वे अब कभी भी मुलायम सिंह के साथ नहीं जायेंगें. क्योंकि अबकी जो नयी पार्टी, जन क्रान्ति पार्टी , बनायी गयी है वह उनका अपना फैसला नहीं है. दिल्ली , लखनऊ, डिबाई और अतरौली में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक करके सबकी राय से पार्टी बनायी है. सब ने एक सुर से कहा था कि नया घर ,नयी पार्टी ,नया झंडा और नया एजेंडा लेकर हम आये हैं और अब बी जे पी या किसी अन्य पार्टी में जाने का कोई मतलब नहीं है .. कल्याण सिंह कहते हैं कि २०१२ में उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधान सभा आना तय है और उनकी पार्टी करीब ६० सीटें लेकर ऐसी स्थिति में होगी जिस से कोई भी सरकार उनकी पार्टी से सहयोग लिए बिना न बन सके. कल्याण सिंह कहते है कि २०१२ में मायावती भी को १०० के थोडा ऊपर सीटें मिल सकती हैं और सबसे बड़ी पार्टी वही होगी. . उत्तर प्रदेश में जो अभी जंगलराज है , भ्रष्टाचार चरम पर है , लूट मची हुई है वह अगले दो साल में और बढ़ेगी जिसकी वजह से मायावती की सीट संख्या कम होगी. . सारे हल्ले गुल्ले के बाद भी कांग्रेस को ५० के आस पास ही सीटें मिलेंगीं. बी जे पी का कोई भी नेता राज्य में ऐसा नहीं है जिसकी वजह से चुनाव जीता जा सके.पहले बी जे पी को पार्टी विथ ए डिफरेंस कहा जाता था लेकिन अब वह ए पार्टी ऑफ़ डिफरेंसेज़ हो गयी है .. मुसलमान अब मुलायम सिंह के साथ नहीं है. पिछड़ा वर्ग भी उनके साथ नहीं है. इस सब का फ़ायदा लेकर कल्याण सिंह एक ताक़त वर राजनीतिक जमात बन सकने की उम्मीद लागाये बैठे हैं ..उनका दावा है कि उनकी पार्टी ही राज्य की तरक्की का कार्यक्रम बना कर चल रही है ..कल्याण सिंह की नज़र में मुलायम सिंह यादव एक अपरिपक्व नेता हैं जिन्होंने मुसलमानों के अलग होने के बाद मुझे आनन् फानन में अलग कर दिया जबकि आज़म खां ने बेमतलब इसको मुद्दा बना दिया था. . मुसलमान अलग इसलिए हुआ कि अब उसके सामने बी जे पी का हौवा नहीं है , बी जे पी अब उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक ताक़त नहीं है और मुसलमान कांग्रेस को बतौर विकल्प स्वीकार करने की तैयारी में है ..आज़म खां की नाराज़गी ,रामपुर से जया प्रदा की टिकट की वजह से थी जो वह ऐलानियाँ कह नहीं पाए और मेरे नाम पर हल्ला गुल्ला शुरू कर दिया .२०१२ में यह सारे चुनावी शिगूफे बेकार साबित होंगें क्योंकि उनकी पार्टी ने जो कार्यक्रम बनाया है उसकी तरफ सभी आकर्षित होंगें .. उनकी पार्टी का कार्यक्रम है प्रखर हिन्दुत्व , प्रखर राष्ट्रवाद,लोकतंत्र ,सामाजिक न्याय, राम मंदिर के प्रति प्रतिबद्धता और विकास मंदिर की रचना. कल्याण सिंह के इस हिन्दुत्व अभियान में रंगनाथ मिश्र कमीशन की रिपोर्ट का विरोध भी शामिल है ..क्योंकि वह हिन्दू ओ बी सी का हक मारता है .. बहरहाल उनका यह कहना है कि उत्तर प्रदेश में राजनीतिक स्थिति बहुत ही डावाडोल है और आने वाला वक़्त और भी अराजकता की तरफ जा सकता है . और उनकी पार्टी आने के बाद सब का नुकसान होगा सिवा कांग्रेस के और सबके नुक्सान का फ़ायदा उनकी पार्टी को हो सकता है ..
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