Thursday, January 23, 2014

पुलिस मनमानी के मुद्दे के साथ अराजक केजरीवाल चले गाँव की ओर


शेष नारायण सिंह

नयी दिल्ली, २० जनवरी . दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता ,अरविन्द केजरीवाल ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है .  मिशन लोकसभा २०१४ के तहत उनको उम्मीद थी कि जब वे कांग्रेस पार्टी के नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करेगें तो कांग्रेस उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लेगी और वे लोकसभा चुनावों के लिए शहीद की मुद्रा  में जायेगें लेकिन सारे घटनाक्रम के बावजूद कंग्रेस ने समर्थन वापस नहीं लिया तो आज वे गृहमंत्री के दफतर की तरफ चल पड़े और मीडिया के पूरे कवरेज के साथ धरने पर बैठ गए . उन्होने यह सवाल उठाया कि दिल्ली का मुख्यमंत्री इतना असहाय है  कि उसे अपने राज्य के लोगों को पुलिस के आतंक से मुक्त करवाने के लिए केंद्र सरकार के गृहमंत्री के यहाँ धरने पर बैठना पड़ता है .
अरविन्द केजरीवाल नयी दिल्ली में पार्लियामेंट के पास रेल भवन के सामने धरने पर बैठे हैं . उन्होने अपने आपको अराजकतावादी कहा है और ईमानदार पुलिस वालों से अपील की है कि वे एक दिन की छुट्टी ले लें और उनके साथ धरने में शामिल हों . उन्होंने कहा कि वे गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए पूरे अराजकतावादी साबित होंगें और इस इलाके में  १० दिन तक जमे  रहेगें . इस इलाके में दफा १४४ लगा दी गयी है और अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्री गैरकानूनी तरीके से यहाँ धरने पर  बैठे हैं .अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की सरकार को बर्खास्त करवाने की  पूरी कोशिश शुरू कर दिया है .
दिल्ली के मुख्यमंत्री का यह धरना पूरी तैयारी के साथ शुरू हुआ  है . शहरों में उनकी मौजूदगी साबित हो चुकी है और अब गाँवों के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए उन्होने मुद्दे के रूप  एन पुलिस को चुना है . पिछले हफ्ते जिस खूबी से बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव २०१४ के लिए अपनी योजना बतायी थी और  अपने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढाया था ,उसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि झाडू वाली पार्टी भी कुछ करेगी . इस पार्टी के पास कार्यकर्ता नहीं हैं , इनकी सारी ताक़त वालंटियरों के सहारे चलती है . इसलिए इनको कोई ऐसा मुद्दा चुनना था जो भारत के गांवों में  भी बहुत ही लोकप्रिय लगता .. दिल्ली में रहने वालों को अंदाज़ नहीं है कि उत्तर प्रदेश , बिहार ,मध्यप्रदेश ,राजस्थान, आदि राज्यों में जनता पुलिस से कितना घबडाती है ,पुलिस और आतंक में चोली दामन का साथ होता है , हर पार्टी का मुकामी नेता किस तरह से पुलिस का इस्तेमाल अपना दबदबा बनाने के लिए करता है और किस तरह से वह ज़मीन आदि पर क़ब्ज़ा करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कारता है . अरविन्द केजरीवाल की टीम को मालूम है कि अगर प्रभावी तरीके से यह साबित कर दिया जाए कि आम आदमी पार्टी पुलिस के आतंक को रोक सकती है तो  ग्रामीण इलाकों में उनको बड़ा समर्थन मिल जाएगा .आज का धरना झाडू वाली पार्टी के नेताओं ने पुलिस की मनमानी के खिलाफ जनता को लामबंद करने के लिए डिजाइन किया है .
आम आदमी पार्टी के नेता , योगेन्द्र यादव और संजय सिंह ने एक प्रेस कान्फरेन्स करके इस बात का ऐलान किया कि पुलिस को वे बाकायदा  निशाने पर लेगें और पूरे देश में आम आदमी को पुलिस के जोर ज़बरदस्ती के राज से छूट दिलायेगें .इस बीच धरने के दौरान ही दिल्ली विधानसभा के एक विधायक की पुलिस के हाथों हुयी पिटाई की खबर को अरविन्द केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर डाला है और यह सन्देश देने की कोशिश की है कि वे पुलिस ज्यादती के खिलाफ आन्दोलन के लिए किसी भी हद  तक जा सकते हैं . बहरहाल इस बात में दो राय नहीं है कि अरविन्द केजरीवाल अब अपनी पार्टी के अभियान को गाँवों में ले  जाने के लिए पुलिस के आतंक के खिलाफ माहौल बनाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं 

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