Saturday, August 28, 2010

जोर ज़बरदस्ती के खिलाफ खडी है एक मुस्लिम लड़की

शेष नारायण सिंह

सामाजिक कार्यकर्ता, शबनम हाशमी ने मांग की है कि केरल के कासरगोड जिले की महिला रायना खासी की हिफाज़त का ज़िम्मा केरल की सरकार ले. शबनम हाशमी के संगठन , अनहद के एक बयान में कहा गया है कि पुरातन पंथियों के एक संगठन की ओर से रायना को पिछले एक साल से धमकी मिल रही है और उन्हें आगाह किया जा रहा है कि वे हिजाब में रहें . अनहद ने ज़बरदस्ती परदे में रहने के इस पुरातनपंथी संगठन के महिला विरोधी और असंवैधानिक काम की निंदा की है .उन्होंने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है केरल जैसे प्रगतिशील समाज में साम्प्रदायिक ताक़ते सिर उठा रही हैं और संविधान के खिलाफ काम करने की हिम्मत जुटा पा रही हैं . दुर्भाग्य की बात यह है कि पिछले बीस वर्षों में इस तरह की साम्प्रदायिक ताक़तें अपने प्रभाव के क्षेत्र में विस्तार कर रही हैं और उस से भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि उन्हने धर्मनिरपेक्ष ताक़तें चुनौती नहीं दे रही हैं . यह बहुत ज़रूरी है कि साम्प्रदायिक सोच की बुनियाद पर औरतों के खिलाफ इस तरह का काम करने वाले इन साम्प्रदायिक ताक़तों को ठिकाने लगाया जाए. रायना खासी को मुस्लिम पुरातनपंथी नेता पिछले साल भर से परेशान कर रहे हैं लेकिन सरकार ने उसकी सुरक्षा के लिए कोई क़दम नहीं उठाया . अनहद ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि रायना के अलावा भी बहुत सारी इअसी लडकियां होगीं जिन्हें ज़बरदस्ती परदे में रहने को कहा जा रहा होगा. वह एक बहादुर लडकी है और उसने कथ्मुला व्यवस्था को जवाब दिया है रयान के जनतांत्रिक देश की नागरिक है और उसे इस बात की आज़ादी है कि वह जो कपडे चाहे पहन सकती है . केरल सरकार को चाहिए कि उसे पूरी सुरक्षा दे और धर्म निरपेक्षता पर हो रहे हमले को फ़ौरन लगाम दे.

2 comments:

  1. पर्दा और हिजाब जबर्दस्ती का ही नतीजा है। रायना को सुरक्षा मिलनी ही चाहिए। केरल की वामपंथी ताकतें क्या कर रही हैं?

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  2. वामपंथी ताकतें सिर्फ हिंदुओं पर नजर रखतीं है.

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