Monday, January 21, 2013

राहुल गांधी का उपाध्यक्ष के रूप में पहला भाषण


शेष नारायण सिंह 

जयपुर,२० जनवरी  काँग्रेस के नव नियुक्त उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में दिए  गए अपने भाषण में  ऐसा बहुत कुछ कहा कि जिस से स्थापित सत्ता की राजनीति को कई मुकामों पर  चुनौती मिलती है .हालांकि आलोचकोंको शक है कि राहुल गांधी  ने जो बातें की हैं वे गैलरी को ध्यान में रख कर कही गयी हैं लेकिन यह भी सच है कि देश की सबसे  बड़ी पार्टी के आला हाकिम  की तरफ से यह बात इतने बेबाक तरीके से पिछले कई दशकों में कभी नहीं कही गयी. उन्होंने अपने पिता स्व राजीव गांधी के उस भाषण से बात को शुरू किया जो उन्होंने १९८५ में दिया था .  राजीव गांधी ने कहा था कि केन्द्र से जो कुछ आम आदमी के लिए भेजा जाता है उसका केवल १५ प्रतिशत ही पंहुचता है .उन्होंने दावा किया कि अब आम आदमी को  जितना भेजना है उसका ९९ प्रतिशत सही व्यक्ति तक पंहुचाया जायेगा. इसके लिए उन्होंने वर्तमान सूचना क्रान्ति का धन्यवाद किया . अपने भाषण में राहुल गांधी ने भावनात्मक क्षण भी जोड़ दिया जब  उन्होंने कहा कि बचपन  में  अपनी दादी के रक्षकों के साथ वे खेला करते थे , वे  लोग उनके दोस्त  बन गए थे लेकिन के दिन उनके उन्हीं दो दोस्तों  ने उनकी दादी को मार डाला .

अपने भाषण में राहुल गांधी ने कांग्रेस की सफलताओं का ज़िक्र किया और हरित क्रान्ति से लेकर शिक्षा के अधिकार तक को अपनी पार्टी की सरकार की उपलब्धि बताया . लेकिन उनकी जो बातें देश में बहुत ही ध्यान से सूनी जायेगी वह है उनकी तो टूक बातें .उन्होंने कहा कि सरकार और राज काज का जो मौजूदा सिस्टम है वह ज़रूरी डिलीवरी नहीं कर पा रहा है .. सत्ता के बहुत सारे केन्द्र बने हुए हैं .बड़े पदों पर जो लोग बैठे हैं उन्हें समझ नहीं है और जिनको समझ और अक्ल है वे लोग बड़े पदों पर पंहुच नहीं पाते ऐसा सिस्टम  बन गया है कि बुद्दिमान व्यक्ति महत्वपूर्ण मुकाम तक पंहुच ही  नहीं पाता.आम आदमी की आवाज़ सुनने वाला कहीं कोई नहीं है .उन्होंने कहा कि  अभी ज्ञान की इज्ज़त नहीं 
होती बल्कि  पद की इज्ज़त होती है . इस व्यवस्था को बदलना पडेगा.  ज्ञान  पूरे देश में जहां भी होगा उसे आगे लाना पडेगा. उन्होंने कहा कि  यह दुर्भाग्य है कि कांग्रेस में नियम कानून नहीं चलते .  इसे बदलना होगा  , नियम क़ानून के हिसाब से कांग्रेस को चलाना पडेगा .. उन्होंने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि हर जगह मीडियाक्रिटी  समझदार लोगों  को दबाने में सफल हो जाती है .. इनीशिएटिव को मार दिया जाता है . सत्ता  में  बैठे लोग मीडियाक्रिटी को ही आगे करते हैं क्योंकि उस से उनको सुरक्षा मिलती है . काबिल  लोगों  की  तारीफ़ करने का फैशन ही नहीं है .भ्रष्ट लोग भ्रष्टाचार हटाने की बात करते हैं , औरतों की रोज ही बेइज्ज़त करने  वाले  महिलाओं  के अधिकारों की बात करते हैं .उन्होंने कहा कि इस तरह के पाखण्ड को भारत अनंत काल तक बर्दाश्त नहीं करेगा. 

राहुल गांधी ने कहा कि वे आशावादी हैं . इसलिए कि उनको उम्मीद है कि इस देश का नौजवान जब सही अवसर पायेगा को देश को आग ले  जाने में उसे कोई  परेशानी नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक  ऐसी पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनानी है  जहां नेताओं का विकास होता है . उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद अपने देश में ऐसे बहुत सारे  नेता थे जो प्रधानमंत्री बंसकते थे और हर राज्य में ऐसे नेता थे जो मुख्यमंत्री बन सकते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है . कांग्रेस पार्टी कोशिश करेगी कि वह  हर स्तर पर लीडरशिप का विकास करे और बहुत सारे नेता पैदा कर सके. 
आखिर में उन्होने दादी की हत्या से जुडी घटना और दोस्ती पर लगी आंच का ज़िक्र करके माहौल को बहुत ही संजीदा बना दिया . 

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