Tuesday, February 28, 2012

जनता की सेवा में बहुत मेवा है . उर्फ़ कैसे कमाए जाते हैं करोड़ों रूपये

शेष नारायण सिंह


नई दिल्ली,२७ फरवरी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के सातवें दौर के उम्मीदवारों में भी हर दौर ही तरह अपराधी भी खूब हैं और करोडपति भी खूब. नैशनल इलेक्शन वाच और लोकतांत्रिक सुधार के काम में लगी संस्थाओं के परिश्रम से ऐसे आंकडे लगातार सामने आ रहे हैं जो आम आदमी को अपने उम्मीदवारों के बारे में बेहतर जानकारी देते रहेगें. इस दौर के भी आंकड़े आ गए हैं . पिछले दौर में जिन लोगों ने चुनाव लड़ा था उनकी संपत्ति में खूब इजाफा हुआ है . सातवें दौर के उन ४७ उम्मीदवारों की संपत्ति का विश्लेषण किया गया है जो इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं . इन ४७ उम्मीदवारों की औसत संपत्ति पिछली बार १ कारोड़ १३ लाख रूपये की थी जबकि इन्हीं उम्मीदवारों की संपत्ति इस दौर में ४ करोड़ ७४ लाख रूपये हो गयी है . इस का मतलब यह हुआ कि पिछले ५ वर्षों में इनकी संपत्ति की विकास की दर ३२० प्रतिशत रही है .

सबसे संपन्न उम्मीदवार रामपुर की स्वार सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार नवाब काजिम अली खां हैं जिनकी संपत्ति इस बार ५६ करोड़ ८९ लाख रूपये हैं जबकि पिछली बार इनकी संपत्ति ९ करोड़ १८ लाख रूपये थी. यानी पिछले ५ वर्षों में इनकी संपत्ति में ४७ करोड़ ७० लाख रूपये का इजाफा हुआ है . पिछली बार यह बी एस पी से लड़े थे.दूसरे नंबर पर सहसवान क्षेत्र के धर्म पाल यादव हैं जिनकी संपत्ति में भी भारी वृद्धि हुई है . २००७ में इनके पास १४ करोड़ ४२ लाख रूपये थे जबकि इस बार इन्होने अपने हलफनामे में ४७ करोड़ ७२ लाख रूपये की संपत्ति का ऐलान किया है . अजित सिंह की पार्टी के उम्मीदवार शाहनवाज़ राना भी खूब फले फूले हैं . २००७ में इनके पास २ करोड़ २ लाख रूपये थे जबकि इस बार यह १७ करोड़ ९९ लाख के मालिक हैं .

सबसे दिलचस्प केस बी एस पी के दातागंज के उम्मीदवार सिनोद कुमार शाक्य का है . २००७ में इनके पास केवल ९ लाख ६० हज़ार रूपये थे जबकि इस बार इन्होने हलफनामा दिया है कि इनके पास ३ करोड़ १ लाख रूपये की संपति है . पिछले पांच वर्षों में इनकी दौलत में ३०४६ प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि निघासन क्षेत्र के उम्मीदवार, समाजवादी पार्टी के आर ए उस्मानी की संपत्ति में १५०० प्रतिशत की वृद्धि हुई .इनके पास २००७ में ९ लाख २० हज़ार रूपये थे जबकि इस बार इनके कब्जे में १ करोड़ ४७ लाख रूपये की दौलत है. समाजवादी पार्टी के ही महबूब अली खां भी खूब कमाई करने में सफल रहे हैं .इनकी दौलत भी १३९१ प्रतिशत की वृद्धि हुई है .

उम्मीदवारों के हलफनामों को देखने से लगता है कि नए उम्मीद्वार तो कुछ ऐसे हैं जिनके पास बहुत कम धन है लेकिन जो एक बार लड़ चुका है या विधायक रह चुका है वह करोड़पति ज़रूर हो गया है .नैशनल इलेक्शन वाच की कोशिश है कि यह जानकारी जो उम्मीदवारों ने अपना परचा दाखिल करते समय चुनाव अधिकारी के पास जमा किया है उसे मीडिया के ज़रिये आम आदमी तक पंहुचाया जाय जिस से सबको मालूम हो सके कि जनता की सेवा में कितना मेवा है .

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