tag:blogger.com,1999:blog-8724078010716939376.post6499699335166143025..comments2023-10-24T08:08:12.534-07:00Comments on जंतर मंतर : फिर पूछें कि मौत का सौदागर कौन हैशेष नारायण सिंहhttp://www.blogger.com/profile/09904490832143987563noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8724078010716939376.post-61042039164357833902010-06-16T21:50:01.713-07:002010-06-16T21:50:01.713-07:00शेषनारायण जी "बड़े पत्रकार" हैं… कहते हैं...शेषनारायण जी "बड़े पत्रकार" हैं… कहते हैं… "मौत का सौदागर वह होता है जो अपनी निगरानी में हज़ारों लोगों को मौत के घाट उतारे…" <br><br>यानी खुद ही जज भी बन गये…। सारी घृणा, सारा अपमान, सारी उपेक्षा सिर्फ़ नरेन्द्र मोदी के नाम…। क्योंकि गुजरात 2002 से पहले न कभी दंगे हुए और न कभी होंगे…? <br><br>सज्जन कुमार, टाइटलर को गले लगाया जायेगा, "जब बड़ा पेड़ गिरता है…" टाइप के मासूम बयान देने वाले राजीव भी मासूम बने रहेंगे, अब तो सीधे-सीधे भोपाल के दोषी हैं राजीव गाँधी, क्योंकि केन्द्र सरकार ने ही कहा था कि एण्डरसन को सुरक्षित वापस भेज देंगे। इसी प्रकार मुम्बई के दंगों के लिये भी सिर्फ़ शिवसेना ही जिम्मेदार है सुधाकरराव नाईक नहीं…। <br><br>अब नक्सलवाद, महंगाई, इत्यादि के लिये भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराने वाला कोई एंगल खोजकर लाईये ना सिंह साहब… बड़े आभारी रहेंगे… (आपके आका) :)Suresh Chiplunkarhttp://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8724078010716939376.post-37410627722209438272010-06-16T20:14:47.395-07:002010-06-16T20:14:47.395-07:00हमें नहीं लगता कि कांग्रेस का कोई भी मुख्यमंत्री इ...हमें नहीं लगता कि कांग्रेस का कोई भी मुख्यमंत्री इतना मजबूत होता है कि वह इस तरह के फैसले ले सके जो अर्जुन सिंह ने इस केश में लिया | अर्जुन सिंह ने तो एंडरसन को सिर्फ दिल्ली ही भेजा था उसके बाद तो वह बिना केंद्र सरकार के कहीं नहीं जा सकता था |<br>बेशक अर्जुन सिंह इस मामले में दोषी है पर इस मुद्दे की जिम्मेदारी से तत्कालीन केंद्र सरकार भी बच नहीं सकती | अर्जुन सिंह इस खेल में हमें तो सिर्फ प्यादे ही नजर आ रहे है |Ratan Singh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8724078010716939376.post-86062031059804189952010-06-16T19:33:46.483-07:002010-06-16T19:33:46.483-07:00उस वक्त के मुख्यमंत्री, कानून मंत्री, पुलिस अधिकार...उस वक्त के मुख्यमंत्री, कानून मंत्री, पुलिस अधिकारी और प्रधान मंत्री पर मुख्य आरोप लगता है । बाकी तो फिर इस बात के दोषी हैं कि उन्होने यह मामला दुबारा से क्यूं नही खोला । बहुत अधिक लोगों की जांच का मतलब है कि धागे को ऐसा उलझाना कि उसका सिरा ही न मिले । वह सही नही होगा ।आशा जोगळेकरhttp://www.blogger.com/profile/14609401024069814020noreply@blogger.com